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मैं सक्षम देश सक्षम

ब्रम्हांड के कण कण में एक दुजे के प्रती अपनेपन की भावना है, इसलिए विश्व मे सद्भावना है.

मैं सक्षम देश सक्षम

” मैं सक्षम तो देश सक्षम ” यह विचार नहीं तो आचार पद्धति बनाना ज़रूरी है | इक्कीसवी सदी में माँ भारती को विश्व के पटल पर आर्थिक महासत्ता बनाना है | तो पहले हमारे युवावो को “आर्थिक स्वावलंबन” इस विषय में मुख्य प्रवाह में लाना होगा, विश्व में सबसे युवा देश हमारा है | तो इस युवा शक्ति को योग्य दिशा देकर “मैं सक्षम तो देश सक्षम” इस विचार को दैनंदिन दिनचर्या में आत्मसाथ करना होगा। स्किल एजुकेशन के माध्यम से नौकरी हो या स्वयं रोज़गार हो | छत्रपति चैरिटेबल फाउंडेशन “मैं सक्षम तो देश सक्षम” इस विचार को संपूर्ण देश में क्रांति स्वरूप आगे ले जाएगा। आइए माँ भारती को इक्कीसवी सदी में महासत्ता बनाने के यज्ञ कुंड में सम्मलित होकर इतिहास दोहराए |

|| भारत माता की जय ||

मैं सक्षम देश सक्षम - रोजगार
स्वयं रोजगार

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