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निंद

निंद:- सोशल मिडिया काम के वक्त. निंद आराम के वक्त.

अठरा साल का रितीक शाम 9.15 बजे उसके मम्मी, पापा के साथ बैठकर खाना खा रहा था. रितीक के थाली के बाजू मे उसका मोबाइल रखा हुआ था. इतने मे उसके मोबाइल पर मेसेज आता है. खाना खाते वक्त रितीक मोबाइल लेता है और मेसेज चेक करता है. उसके गर्लफ्रेंड साक्षी का मेसेज होता है. रितीक के चेहरे पर मुस्कान खिलती है और वो मेसेज टाइप करके भेजता है. रितीक की मम्मी उसे चिल्लाती है के, “खाने के समय भी तुम्हे मोबाइल क्यो चाहीये, रख दो उसे साइड मे और पचाप खाना खाओ” रितीक डरकर मोबाइल बाजू मे रखता है. साक्षी का फिरसे मेसेज आता है. रितीक मोबाइल की तरफ देखता है और जल्दी-जल्दी अपना खाना खाता है. रितीक के पापा उससे पुछते है की “इतनी जल्दी मे क्यो खाना खा रहे हो ” ? तो रितीक बताता है की, “कल से ट्यूशन क्लासेस शूरु होने वाले है, और वो भी सुबह छह बजे. इसलीये जल्दी खाना खाकर जल्दी सोता हूं, ताकी सुबह जल्दी उठ सकू” ऐसे बोलकर उसने खाना खतम किया. मोबाइल अपने जेब मे रखकर हाथ धोने लगता है. रितीक के पापा उससे कहते है की “सुबह मै आता हू तुम्हे छोडने क्लास मे” रितीक “ठिक है” कहकर अपने रूम की तरफ जाता है. दिवार पर लगी घडी मे 9.27 बजे है.
रितीक अपने रूम मे आकर अंदर से कडी लगाता है और पुरे Excitement मे अपनी पॅन्ट की जेब से मोबाइल निकालकर बेडपर बैठता है. मोबाइल स्क्रीनपर साक्षी के चार मेसेजेस दिखाई देते है.

रितीक टायपिंग करता है, सामने से साक्षी का रीप्लाय आता है. रितीक के चेहरे पर मुस्कान है वो अभी पुरी तरह से चॅटिंग करने मे व्यस्त है. बाजू के टेबल क्लॉक मे 9.50 का वक्त हुआ है. रितीक अभी दायने ओर से बायनी ओर होकर साक्षी से चॅटिंग कर रहा है. और उसी के साथ टेबल क्लॉक अपने कांटे आगे-आगे सरकाते जाती है. 10.40 pm, 11.25 pm, 12.37 am, 1.17 am रितीक अभी बेड की चादर अपने आधे शरीर पर ओढकर साक्षी से चॅटिंग कर रहा है. अब साक्षी का आखरी मेसेज आता है, “गुड नाइट, स्वीट ड्रीम्स” उसके बाद लव किसेस, स्माईलीज. रितीक भी रीप्लाय मे उसे “गुड नाइट, स्वीट ड्रीम्स” लव किसेस, स्माईलीज भेजता है. रितीक चादर बाजू करता है टेबल क्लॉक मे 2.47 am का समय हुआ है. रितीक को निंद नही आती इसलीये वो मोबाइल मे गेम खेलने लगता है. बाद मे कान मे इयरफोन डालकर मोबाइलपर फिल्म देखने लगता है. कुछ देर फिल्म देखने के बाद रितीक की आंखे लगने लगती है. वो उसी हालत मे सो जाता है. टेबल क्लॉक मे 3.37 am का समय हुवा है. सुबह होती है 5.40 am बजे है. रितीक के पापा रितीक के रूम का दरवाजा खटखटाते है. रितीक उठता नही. एक-दो बार दरवाजा खटखटाने के बाद रितीक आलस देते हुये उठता है, मोबाइल देखता है, लेकिन मोबाइल की बॅटरी लो है. रितीक दरवाजा खोलता है. और पापा से कहता है “दस मिनिट मे तैयार होता हू” पापा उससे कहते है की मै नीचे गाडी के पास वेट करता हू” रितीक अभी जल्दी जल्दी मे ब्रश करता है, चेहरेपर पाणी छिडकता है.

कपडे बदलता है और बॅग लेकर नीचे आता है. रितीक को देखकर उसके पापा बाइक स्टार्ट करते है. रितीक पिछे बैठता है. बाइक निकलती है. बाइक रोडपर आती है. पापा रितीक से कहते है “इस साल पढाई पर ज्यादा ध्यान देना होगा, बारहवी का साल है” रात की निंद पुरी न होने के कारण रितीक को जोरो से निंद आ रही थी. उसकी आंखे लगते जाती है. रितीक निंद के नशे मे हि “हम्म” ऐसे कहता है. रितीक को निंद आती है और उसका सिर पापा के पीठ को लगते जाता है. रितीक झट से होश मे आता है. पापा कहते है, “क्या हुवा”? रितीक पुरी आंखे खोलकर देखता है “कुछ नही” बोलता है. पापा एक नजर रितीक की ओर देखते है और बाइक चलाने लगते है. पापा कहते है “इस साल तो अमित से ज्यादा percent मिलने चाहीये. नही तो हर साल की तरह इस साल भी…” रितीक को फिरसे निंद आती है. उसकी आंखे लगने लगती है. बाइक रास्ते से तेजी से जा रही है. अभी रितीक को उसकी निंद कंट्रोल नही होती. उसकी आंखे अब पुरी तरह से बंद होती है और वो पिछले बाजू रास्ते पर धड से गिर जाता है. जोर का आवाज होने के कारण उसके पापा पिछे देखते है तो, रितीक सिर के बल रास्ते पर गिरा है. उसके सिर से खून बह रहा है. पापा बाइक रोककर उसके पास आते है.

पापा रोते हुये दोनो हाथो से रितीक को उठाते है, लेकिन रितीक की आंखे अब हमेशा के लिये बंद हो जाती है.

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